सुरेश रैना और एम एस धोनी
आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के पूल बी में टीम इंडिया ने अपने आखिरी लीग मैच में जिंबाब्वे को 6 विकेट से हराया. इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने जीत का छक्का जड़ा. 6 मैचों में 6 जीत के साथ टीम इंडिया प्वॉइंट टेबल पर 12 प्वॉइंट के साथ टॉप पर है. कैप्टन कूल एम एस धोनी और सुरेश रैना टीम इंडिया की इस जीत के हीरो रहे. इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए नाबाद 196 रनों की साझेदारी निभाई और टीम को जीत दिलाई. धोनी ने मैच के बाद बताया कि ट्राई सीरीज के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ कि टीम इंडिया में इतना बदलाव आया. 'मैच की रिकॉर्ड बुक...'
'खुशी है कि मेहनत रंग लाई'
सुरेश रैना को मैन ऑफ द मैच चुना गया. अवॉर्ड लेने आए रैना ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं हमारी मेहनत रंग लाई. मैंने सोचा था कि विकेट बहुत अच्छा है और अगर मुझे अच्छी गेंद मिली तो मैं अपने शॉट्स खेल सकता हूं. जब एमएस (धोनी) मैदान पर आए तो मुझे मदद मिली. जब टीम को मेरी सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो मैं पॉजिटिव होकर स्मार्ट क्रिकेट खेलना चाहता हूं, खासकर पावरप्ले में. मुझे खुशी है कि अंत में हम ऐसा करने में सफल रहे. मैं और एमएस कई मैच साथ खेल चुके हैं और कई मैच साथ में खत्म कर चुके हैं. एमएस ने मुझसे कहा था कि तुम हर गेंद को तेजी से नहीं मार सकते, लेकिन उनके फील्ड पर रहने से मुझे मजबूती मिली.' रैना से जब पूछा गया कि क्या ये उनका सबसे स्पेशल सैंकड़ा है तो उन्होंने जवाब दिया, 'यह अवॉर्ड मेरे लिए बहुत अहम है. अंडर-19 वर्ल्ड कप के बाद वर्ल्ड कप में ये मेरा पहला मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड है.'
'कोहली के आउट होते ही दबाव में आ गए थे हम'
जब विनिंग कैप्टन धोनी को बुलाया गया तो पूरा ग्राउंड धोनी-धोनी से गूंज रहा था. धोनी ने कहा, 'जब विराट कोहली बल्लेबाजी के लिए आए तब भी हम दबाव महसूस कर रहे थे. जिंबाब्वे अच्छी टीम है लेकिन लोगों को उम्मीद थी कि हम ही जीतेंगे. विकेट बहुत अच्छा नहीं था. गेंद अच्छे से बल्ले पर नहीं आ रही थी. हमारे लोअर ऑर्डर को बल्लेबाजी का मौका कम मिला है. नंबर पांच पर रैना हमारे लिए अहम खिलाड़ी हैं. द्विपक्षीय सीरीज और इस टूर्नामेंट में यही फर्क है. जहां लोअर ऑर्डर का टेस्ट कम ही हो पाता है. इसलिए ये मैच मुश्किल हो सकते हैं क्योंकि लोअर ऑर्डर को बल्लेबाजी का ज्यादा मौका नहीं मिलता है.'
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