क्या आप कभी ऐसे मौके से गुजरे हैं, जब आपके मित्र की सोच आपकी दोस्ती से हटकर कुछ ओर ही हुई हो. जैसे जब आपके मित्रवत व्यवहार को सेक्स की ख्वाहिश जाहिर करने के रूप में लिया गया हो? एक रोचक अध्ययन में पता चला है कि जहां ज्यादातर महिलाओं का मानना है कि साथी पुरुष उनके मित्रवत व्यवहार को सेक्स के संकेत के रूप में लेते हैं, वहीं पुरुषों का मानना है कि महिलाएं अक्सर पुरुषों की सेक्स की ख्वाहिश को मित्रता समझ बैठती हैं.
नॉर्वे साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीएनयू) के रिसर्चर मोन्स बेंडिक्जेन ने कहा है कि अगर विकास के नजरिए से देखा जाए तो रिसर्च के फैसले चौंकाने वाले नहीं हैं. रिसर्च टीम ने 308 प्रतिभागियों के साथ यह अध्ययन किया, जिनकी उम्र 18 वर्ष से 30 वर्ष के बीच थी. उनमें में 59 फीसदी महिलाएं थीं. रिसर्च के मुताबिक पुरुषों और महिलाओं ने पाया गया कि उनके विपरीत लिंगी साथियों ने उनकी दोस्ती का गलत मतलब निकाला.
रिसर्च मैग्जीन 'इवोल्यूशनरी साइकोलॉजी' में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक महिला प्रतिभागियों ने कहा कि उन्होंने जब अपने किसी पुरुष साथी के लिए मित्रवत व्यवहार दिखाया तो पिछले एक साल के दौरान तकरीबन 3.5 बार उसका सेक्स की ख्वाहिश होने का मतलब निकाला गया.
पुरुषों ने भी साथी महिलाओं से इसी तरह की परेशानी जाहिर की, हालांकि पुरुषों के मामले में इसका प्रतिशत कम रहा. रिसर्चर के मुताबिक अगर विकासवादी मनोविज्ञान के नजरिए से देखा जाए तो इसे ज्यादा अच्छी तरह समझा जा सकता है कि अक्सर पुरुष क्यों महिला साथियों से बातचीत के दौरान मुस्कुराने और हंसने को सेक्स की इच्छा व्यक्त करने के रूप में ले लेते हैं.
बेंडिक्जेन इसे स्पष्ट करते हैं कि एक पुरुष की संतानोत्पत्ति की क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि वह कितनी महिलाओं को गर्भवती करने की क्षमता रखता है. इस तरह पुरुषों के लिए सेक्स का मामला कहीं कम जोखिम वाला हो जाता है और किसी महिला के साथ सेक्स उसके लिए किसी अवसर की तरह होता है.
लेकिन महिलाओं के मामले में ऐसा नहीं है. महिलाओं के लिए इस तरह का संबंध अधिक जोखिम भरा रहता है, क्योंकि उसके सामने गर्भवती होने, बच्चा पैदा करने, उनका पालन-पोषण करने का जोखिम हो सकता है और साथ ही दूसरे पुरुष के साथ सेक्स करके बच्चे पैदा करने का अवसर कम करने वाला होता है|
Source: http://goo.gl/VnY0zr
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