एडिलेड, ब्रिसबेन के बाद अब मेलबर्न में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रम को आसानी से पवेलियन तो भेज दिया लेकिन पुछल्लों बल्लेबाजों को जल्दी आउट कर पाने में गेंदबाज नाकाम रहे। ऑस्ट्रेलिया ने अपने 5 विकेट महज 216 रनों पर गंवा दिया था लेकिन अगले 5 बल्लेबाजों ने मिलकर 314 रन बना लिए और वह भी तेजी से खेलते हुए।
भारत की ऑस्ट्रेलिया को 300-350 रनों के अंदर समेटने की योजना हवा हो गई और कंगारुओं ने 530 रन बना लिए। खेल के दूसरे दिन कप्तान स्टीवन स्मिथ ने छठे विकेट के लिए ब्रैड हैडिन (55) के साथ 110 रनों की शतकीय साझेदारी की। इसके बाद मिचेल जॉनसन (28) के साथ 50 रनों की साझेदारी की, फिर आठवें विकेट के लिए रेयान हैरिस (74) ने कप्तान के साथ 106 रनों की साझेदारी कर टीम को 500 के करीब पहुंचा दिया। यही नहीं नौंवें नंबर के बल्लेबाज नाथन ल्योन ने भी उनके साथ नौंवें विकेट के लिए 48 रनों की साझेदारी कर डाली।
टेस्ट क्रिकेट में भारतीय गेंदबाजों के लिए यह अब तक उसका सबसे बुरा साल साबित हुआ क्योंकि उसने 6 बार एक पारी में 500 या उससे ज्यादा का रन लुटाया है। इससे पहले उसने इंग्लैंड ने 2006 में एक साल में 6 बार 500 से ज्यादा रन एक पारी में विपक्षी टीम को दिए।
ऑस्ट्रेलिया ने इस सीरीज में तीसरी बार 500 से ज्यादा रन बनाए हैं। ऐसा पांचवीं बार हुआ है जब टीम इंडिया के खिलाफ कंगारुओं ने 3 या उससे ज्यादा मैचों की सीरीज में 500 से ज्यादा रन बनाए हों।
Source: http://goo.gl/VvGhwo
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