लखनऊ में 19 साल की कनून की एक छात्रा घर से निकलती है और फिर गायब हो जाती है. उसके गायब होने के 24 घंटे के आंदर लखनऊ के दो अलग-अलग इलाकों से दो बोरियों में टुकड़ों में बंटी एक लड़की की लाश मिलती है. लाश कानून की उसी छात्रा गौरी श्रीवास्तव की थी, पर जब पोस्टमार्टम होता है तो पता चलता है कि कातिलों ने गौरी के जिंदा रहते ही उसके टुकड़े कर दिए थे और फिर उन टुकड़ों को लेकर बेखौफ शहर भर में घूमते रहे.
पूरी लखनऊ पुलिस के तमाम जेहीन दिमाग अफसर पिछले छह दिनों से बस एक ही केस में उलझे थे. लखनऊ के अमीनाबाद इलाके कीं रहने वाली एलएलबी ऑनर्स फर्स्ट ईय़र की छात्रा गौरी श्रीवास्तव मर्डर केस. एक ऐसा मर्डर केस जिसमें इतने पेंच थे कि खुद पुलिस कंफ्यूज थी. एक या एक से ज्यादा कातिल पहले गौरी को बेहोश करते हैं. फिर जिंदा रहते उसके कई टकुड़े करते हैं. फिर उन टुकड़ों को अलग-अलग बोरियों में भरते हैं. इसके बाद उन बोरियों को पूरे शहर में लेकर घूमते हैं. फिर अपनी सहूलियत के हिसाब से बोरियों को अलग-अलग जगहों पर ठिकाने लगा देते हैं.
छानबीन के बाद अगर लखनऊ पुलिस के हाथ कुछ लगा तो वो एक सीसीटीवी फुटेज. ये लखनऊ के एक इलाके की सीसीटीवी फुटेज है. इस फुटेज में मौत से बस कुछ घंटे पहले गौरी आखिरी बार जिंदा नजर आती है. इस तस्वीर से पता चलता है कि कुछ लड़के उसका पीछा कर रहे हैं. गौरी मोबाइल में कुछ टाइप कर रही है और फिर एक बाइक पर किसी लड़के के साथ बैठ कर चली जाती है. पर कैमरा बाइक का नंबर नहीं पकड़ पाता है. और एक फरवरी को गौरी लापता हो जाती है. गौरी के घरवाले इस बारे में पुलिस में भी शिकायत करती है.
दो फरवरी की सुबह करीब सात बजे अचानक पुलिस को खबर मिलती है कि लखनऊ के शहीद पथ पर खून से सनी एक लावारिस बोरी पड़ी है, मौके पर पहुंचकर जब पुलिस बोरी खोलती है तो उसके होश उड़ जाते हैं. बोरी में दो कटे हुए गौरी के पैर थे|
Source: http://goo.gl/nJ7B22
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