उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गंगा नदी से लावारिस लाशों के मिलने की खबर पर अब प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. दरअसल पिछले तीन महीनों में नदी के पेरियार घाट पर 108 शव लावारिस हालत में मिले हैं. इन शवों को जानवर भी नुकसान पहुंचा देते हैं जिससे इनकी शिनाख्त और मुश्किल हो जाती है|
मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासन ने तेजी दिखानी शुरू की है. लाशों के दाह संस्कार के लिए प्रशासन ने इंतजाम शुरू कर दिए हैं. उन्नाव के एसडीएम सरयू प्रसाद शुक्ला ने कहा, 'हमें स्थानीय लोगों से शवों के मिलने की सूचना मिलती है. हम इन शवों का दाह-संस्कार कर देते है. इस मामले की जांच चल रही है.''
अधिकारियों के मुताबिक पेरियार घाट में जल-स्तर कम होने के कारण लाशें यहां रुक जाती हैं. पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) ए. सतीश गणेश ने बताया कि प्रारम्भिक जांच के दौरान पता चला है कि यहां अविवाहित लड़कियों के शवों को जलाने के बजाए उन्हें गंगा में प्रवाहित कर दिया जाता है.
गौरतलब है कि मकर सक्रांति के अवसर पर लोग नदी में स्नान करने जाते हैं. ऐसे में शवों के मिलने से लोग घाट पर जाने से कतरा रहे हैं. गंगा प्रदूषण मुक्ति अभियान के संयोजक रामजी त्रिपाठी घाट को शवों से मुक्त करने और सफाई करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. सामाजिक संगठन इको-फ्रेंड्स के राकेश जायसवाल ने बताया इतनी बड़ी संख्या में लगातार शवों के मिलने से घाट का पानी भी जहरीला हो रहा है. समय पर शवों का निपटारा न होने से घाट की सफाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है|
Source: http://goo.gl/sC4RKs
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