लाइफस्टाइल डेस्क: कामकाजी दंपती अक्सर चार इल्ज़ामों के शिकार होते हैं - घर में अव्यवस्था रहती होगी, ये सामाजिक औपचारिकताएं निभा पाने में कायमाब नहीं होते हैं, बल्कि बच्चों की परवरिश में कमी रह जाती है, दोनों को कमाने की लत लग गई है, अब घर-परिवार की चिंता कहां होगी...!
हर परिस्थित के दो पहलू हो सकते हैं। लेकिन इस बात को भी झुठलाया नहीं जा सकता कि पति-पत्नी दोनों का कामकाजी होना घर, परिवार, बच्चों व ख़ुद के विकास के लिए फ़ायदेमंद होता है।
1-ज़िंदगी आसान हो जाती है
वर्किंग पत्नी और पति होने से आपको इमोशनल और फाइनेंशियल दोनों तरफ से सपोर्ट मिलता है। कई बार ऐसा होता है कि दोनों में से किसी एक की जॉब या किसी भी तरह की दिक्कत आने पर आप एक-दूसरे को फाइनेंशियल और करियर में भी सपोर्ट करते हैं। घर और बच्चों का खर्च आज के समय में उठाना बेहद ही मुश्किल है। ऐसे में, आपको पत्नी का फाइनेंशियल रूप से स्ट्रॉन्ग होने का फायदा मिलता है। साथ ही, कपल के वर्किंग होने से एक-दूसरे की प्रोफेशनल लाइफ को अच्छे से समझ सकते हैं।
कपल्स के वर्किंग होने से आपको एक-दूसरे की अहमियत समझ में आती है। पति के काम करने पर पति सोचते हैं कि वो ही सिर्फ घर का खर्च चलाने के लिए मेहनत करते हैं, इसलिए पत्नी के भी वर्किंग होने पर पता चलता है कि दोनों लोग कितना काम और मेहनत करते हैं। महिलाओं के वर्किंग होने से परिवार में भी उनकी अहमियत बनती है। घर-परिवार और समाज में रुतबा बनाने के लिए आपके लिए सेल्फ डिपेंडेंट होना ज़रूरी है।
कपल के वर्किंग होने से घर खर्च और बच्चों के परवरिश में मदद मिलती है। इससे बच्चों को अच्छी एजुकेशन और सभी सुविधाएं मिलती हैं। परिवार में एक बंदे के कमाने से घर के खर्च देखकर करने होते हैं, क्योंकि आपको उसी पैसे से घर और बच्चों से खर्च करना होता हैं। अगर पति-पत्नी दोनों वर्किंग हैं, तो घर के खर्च चलाना और सेविंग आसान हो जाती है। दोनों मिलकर आसानी से घर के खर्च को संभाल लेते हैं। फाइनेंशियल रूप से स्ट्रॉन्ग होने पर आप बच्चों को किसी भी अच्छे स्कूल में पढ़ा सकते हैं।
Source: http://goo.gl/cLvZg8
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