पंजाब ऐंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा में अनुयायियों को नपुंसक बनाए जाने के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही पहले से विवादों में फंसे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ गई हैं।
हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई को इस सिलसिले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। यह आदेश जस्टिस के. कानन की सिंगल बेंच ने डेरे के अनुयायी रहे हंसराज चौहान की याचिका का निपटारा करते हुए दिए। याचिका में आरोप था कि डेरे के भीतर करीब 400 युवाओं को नपुंसक बनाया गया है। इससे पहले चौहान का मेडिकल एग्जामिनेशन करवाने के निर्देश दिए गए थे, जिसमें चौहान को नपुंसक बनाए जाने की पुष्टि हुई थी। चौहान ने सीबीआई जांच की मांग की थी।
चौहान का दावा था कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम डेरे में तैनात डॉक्टरों की मदद से अनुयायियों को नपुंसक बनाता है। वह झूठी उम्मीद दिलाता था कि ऐसा करने से वे डेरा प्रमुख के जरिए ईश्वर को प्राप्त कर लेंगे। इसी मामले में राज्य सरकार भी हाईकोर्ट में एक रिपोर्ट रख चुकी है। चौहान 1990 से डेरे से जुड़ा और भजन गायन का काम करता थे। बाद में वह साधु डेरे में शामिल हो गए।
यह है कोर्ट का ऑब्जर्वेशन
28 पेज के जजमेंट में जस्टिस के. कानन ने कहा कि अंडकोष हटाना एक टॉर्चर है और कोई भी ऐसे टॉर्चर को सहने के लिए दिल से सहमति नहीं देगा। कोई भी डॉक्टर किसी भी व्यक्ति के अंडकोष, उस व्यक्ति की इस दलील पर नहीं निकालेगा कि वह भगवान के दर्शन के लिए ऐसा करना चाहता है। इस बीच, डेरा सच्चा सौदा सिरसा में होने वाली गतिविधियों की जांच पड़ताल के लिए एसडीएम के नेतृत्व में एक टीम डेरे में पहुंच गई है।
डेरा प्रमुख का विवादों से है पुराना नाता
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख सिरसा के पत्रकार रामचंद छत्रपति की हत्या के मामले का भी सामना कर रहे हैं। रामचंद के बेटे अंशुल छत्रपति ने हाईकोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ सीबीआई जांच स्वागत योग्य है। इसमें खास बात ये है कि ये जांच अदालत की निगरानी में होगी। वर्षों पहले डेरा की सचाई उजागर करने में मेरे पिता की हत्या हो गई थी। अब उनकी आत्मा को शांति मिलेगी।'
Source: http://goo.gl/miHIAz
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